Wednesday, 21 September 2016

भेड़ चाल



यह बुदबुदाती ख्वाइशों को रौंधते कदम,
अपनी ही कब्र की ओर अग्रसर |
विराम इन्हें दे कोई सपनों की डोर, 
खड़े हैं यह ख़ुदकुशी के तट पर ||

मन मस्तिष्क का टूटता परस्पर मेल,
न जूं रेंगी हिदायतों की, न काम ए गोपाल गिरधर |
हताश ह्रदय, बिखरा पड़ा क़दमों में, 
महत्वाकांक्षाएं छोड़ गई ठुमकती, रुख मोड़कर ||

धुन्दलाता सूर्य फीका सा, अस्त हुआ,
प्रतीत हुआ भेड़ का मुख, जहाँ होता था इंसान का सर कल तक |
दिशाहीन होकर दिशा में बहते जा रहे, 
किनारे आज तक कोई पहुँचा नहीं, परंतु जा रहे सभी किनारे पर ||

















Image source - Jagran

Friday, 16 September 2016

Don't touch me

The chipped nail paint, the cracked heels, the tan lines of the torn flip-flops, the unshaved legs and the desperate toes clutching onto the bed sheet silently screaming, " Please don't touch me. Please !"





Please refrain from touching anybody without their consent.
Women are not your punching bag. Physical abuse is no way to vent your accumulated, deep dark anger. 
These incidents leave them scarred and broken for life. 

Can you take somebody doing it to you?

#stop_marital_rape
#stop_domestic_violence
#stop_physical_abuse